नई दिल्ली: कोरोना महामारी के बीच अब अरब सागर में उठ रहे चक्रवात ‘तौकते’ से निपटने की तैयारी चल रही है. तूफान ‘तौकते’ को लेकर महाराष्ट्र-गुजरात से लेकर कर्नाटक-तमिलनाडु में भी अलर्ट जारी कर दिया गया है. भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) और इन तटीय राज्यों द्वारा जारी किए कुछ परामर्शों के अनुसार दक्षिण अरब सागर और लक्षद्वीप इलाके में गुरुवार को दबाव का क्षेत्र बन गया है. आईएमडी ने अपनी चेतावनी रिपोर्ट में कहा कि यह शनिवार सुबह तक इसी क्षेत्र में गहरे दबाव के क्षेत्र में बदल जाएगा और उसके बाद अगले 24 घंटों में चक्रवाती तूफान का रूप ले लेगा.
उसने बताया कि इसके उत्तर-उत्तरपश्चिम गुजरात और पाकिस्तानी तटों की ओर बढ़ने की संभावना है. आईएमडी ने बताया कि यह 18 मई की शाम तक गुजरात तट के नजदीक पहुंच सकता है. आपको बता दें कि इस चक्रवात को ‘तौकते’ नाम म्यांमा ने दिया है. यह भारतीय तट पर इस साल पहला चक्रवाती तूफान होगा.
वहीं, महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई में चक्रवाती तूफान ‘तौकते’ की चेतावनी के मद्देनजर बृहन्मुंबई महानगरपालिका के अधिकारियों ने कोविड-19 टीकाकरण अभियान को अगले दो दिन के लिए स्थगित करने का फैसला किया है.
बृहन्मुंबई महानगर पालिका ने शुक्रवार को ट्वीट कर यह जानकारी दी, जिसके मुताबिक मुंबई में 15 और 16 मई को टीकाकरण अभियान स्थगित रहेगा.
केरल के कोच्चि शहर समेत कई इलाकों में शुक्रवार को भारी बारिश (Kerala Heavy Rainfall) और जलजमाव हुआ. समुद्र में भी ऊंची लहरें उठीं और मछुआरों को समुद्र में न जाने की सलाह दी गई थी. भारी बारिश से सामान्य जनजीवन ठप हो गया है. चेल्लानम, कन्नामाली, मानेसरी समेत कई इलाकों में घरों में पानी घुस गया. इससे लोगों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ा.केरल में भारी बारिश के चलते पानी छोड़ने के लिए एर्नाकुलम डिस्ट्रिक्ट में Bhoothathankettu बांध के चार द्वार खोलने पड़े हैं.मौसम विभाग के अनुसार, लक्षद्वीप और उससे सटे दक्षिण पूर्ण अरब पर गहरे कम दबाव का क्षेत्र बना है, यह 15 मई, शनिवार को चक्रवाती तूफान ताउ ते का रूप ले सकता है.
राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) ने अरब सागर में बन रहे चक्रवात ‘तौकते’ से निपटने के लिए 53 दलों को तैयार किया है. एनडीआरएफ के महानिदेशक एस एन प्रधान ने शुक्रवार को ट्वीट किया कि केरल, कर्नाटक, तमिलनाडु, गुजरात और महाराष्ट्र के तटीय क्षेत्रों में इन दलों को तैनात किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि इन 53 दलों में से 24 दलों को पहले ही तैनात कर दिया गया है जबकि शेष को तैयार रहने को कहा गया है. एनडीआरएफ के एक दल में करीब 40 कर्मी होते हैं और उनके पास पेड़ और खंभे काटने के औजार, नौकाएं, मूलभूत दवाएं और अन्य राहत एवं बचाव सामान होता है.